स्वागत है आप सभी का | आप सादर आमंत्रित हैंसिनगी-कैली दई, फूलो-झानो, माकी मुण्डा और देवमनी के देश में.उद्घाटन अखड़ा: 14 जून 2014/शनिवार/11.00 से 11.30 बजे1. पुरखा स्मरण: असुर आदिम आदिवासी समुदाय द्वारा 2. स्वागत वक्तव्य: गीताश्री उरांव, मंत्री कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य, झारखंड सरकार3. आयोजकीय वक्तव्य: वंदना टेटे, महासचिव: झारखंडी भाषा साहित्य संस्कृति अखड़ा4. सानिध्य: डॉ. एल. एन. भगत, कुलपति, रांची विश्वविद्यालय, रांची5. उद्घाटन सत्र संचालन: डॉ. वृंदावन महतोटी ब्रेक: 11.30 से 11.45 बजे दिनसंवाद अखड़ा: 11.45 बजे दिन से 1.30 बजे तक 1. 'आदिवासी दर्शन और समकालीन आदिवासी साहित्य सृजन' विषय प्रवेश: ग्लैडसन डुंगडुंग, युवा आदिवासी लेखक-एक्टिविस्ट, रांची, झारखंड2. पहला सत्र: आदिवासी दर्शन और समकालीन आदिवासी कथाएंविषय प्रवेश: रोज केरकेट्टा, वरीय साहित्यकार, रांची, झारखंड (अधिकतम समय: 20 मिनट)एलिस एक्का, तेमसुला आओ, रामदयाल मुण्डा, पीटर पॉल एक्का, रोज केरकेट्टा, श्यामचंद्र टुडू, रूपलाल बेदिया की कहानियों का पाठ (अधिकतम समय: 60 मिनट)पठित कहानियों पर त्वरित आमंत्रित टिप्पणी (अधिकतम समय: 30 मिनट)सत्र मॉडरेटर: जनार्दन दास, युवा आदिवासी कथाकार, मुंबई (महाराष्ट्र)3. लंच ब्रेक: 1.30 से 2.30 बजे दिन4. दूसरा सत्र/2.30 बजे से 5.30 बजे आदिवासी दर्शन और समकालीन आदिवासी कथाओं की प्रवृत्तियांविषय प्रवेश: जोवाकिम तोपनो, वरीय साहित्यकार, पटना, बिहार (अधिकतम समय: 20 मिनट)आदिवासी दर्शन और बहुभाषिक आदिवासी कथाओं का संसार : गंगा सहाय मीणा, प्राध्यापक, जेएनयू, नई दिल्ली (अधिकतम समय: 20 मिनट) समकालीन आदिवासी कथा की रूपगत एवं शैलीगत विशेषताएं : पीटर पॉल एक्का, वाइस प्रिंसिपल, संत जेवियर कॉलेज, रांची, झारखंड (अधिकतम समय: 20 मिनट)समकालीन आदिवासी कथाओं का कथ्य: परंपरा और युद्ध भूमि के बीच रूपलाल बेदिया, युवा आदिवासी कथाकार, धनबाद, झारखंड (अधिकतम समय: 20 मिनट)विमर्श हेतु सहभागी चर्चा (अधिकतम समय: 60 मिनट)सत्र मॉडरेटर: डॉ. धनेश्वर मांझी, संताली विभाग, विश्वविभारती विश्वविद्यालय, शांति निकेतन (प. बं.)5. टी ब्रेक: 5.30 से 6 बजे सायं6. आदिवासी सिनेमा अखड़ा: 5.45 से 6.30 सायंरंजीत एकलव्य निर्देशित फिल्म 'पेनाल्टी कॉर्नर' का प्रदर्शन, अवधि: 22 मिनट, भाषा: कुड़ुख नोट: यह संभावित कार्यक्रम है और इसमें अंतिम समय तक परिवर्तन संभव है.दूसरे दिन का कार्यक्रम देखें ...सेमिनार के मुखपृष्ठ पर लौटें ...Join akhra & save, protect, preserve Adivasi Languages and culture.Send your valuable support, suggestons & donation at toakhra@gmail.com
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