See English versionउद्घाटन सत्र : 10 से 11 बजे दिनपुरखा स्मरण - सलोमी एक्का एवं नीता कुसुम बिलुंग
स्वागत - वंदना टेटे : महासचिव, झारखंडी भाषा साहित्य संस्कृति अखड़ा
सेमिनार परिचय - अश्विनी कुमार पंकज : सेमिनार संयोजक एवं आदिवासी विषयों के स्टोरीटेलर
उद्घाटन - प्रो. वर्जिनियस खाखा : प्रतिष्ठित विद्वान और अतिथि प्राध्यापक, आईएचडी, नई दिल्ली
विशिष्ट अतिथि - श्री चम्पई सोरेन : माननीय मंत्री, अजजा, अजा, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, झारखंड
आभार - रणेन्द्र : निदेशक, डॉ. रामदयाल मुंडा आदिवासी कल्याण शोध संस्थान, रांची (झारखंड)
संचालन - प्रीति रंजना डुंगडुंग : शोधार्थी, रांची विश्वविद्यालय, रांची (झारखंड)
चाय : 11 से 11.15 बजे दिन
प्रथम सत्र : 11.15 से 1.15 बजे दिनअध्यक्षता - विनोद कुमार : वरिष्ठ पत्रकार एवं उपन्यासकार, रांची (झारखंड)
बीज वक्तव्य - जगन्नाथ अम्बागुड़िया : एसो. प्रो., सीपीसीएस और अध्यक्ष, यूआरडी, टीआईएसएस, गुवाहाटी (असम)
वक्ता - सोनाराम देवगम : राजनीतिज्ञ, चाईबासा (झारखंड)
- फैसल अनुराग : प्रख्यात वरिष्ठ पत्रकार, रांची (झारखंड)
- हीरालाल अलावा : विधायक, मध्य प्रदेश
- विनीत मुण्डू : प्रख्यात स्कॉलर, रांची (झारखंड)
संचालन - शांति सवैयां : सोशल एक्टिविस्ट, जमशेदपुर (झारखंड)
दूसरा सत्र (पत्र वाचकों के लिए) : 1.15 से 2 बजे दिनअध्यक्षता - विनीत मुण्डू : प्रख्यात स्कॉलर, रांची (झारखंड)
संचालन - डॉ. आलम आरा : सहा. प्राध्यापक, नागपुरी, कार्तिक कॉलेज, गुमला (झारखंड)
भोजनावकाश : 2 से 2.30
तीसरा सत्र : 2.30 से 4.30 बजे दिनअध्यक्षता - रणेन्द्र : निदेशक, डॉ. रामदयाल मुंडा आदिवासी कल्याण शोध संस्थान, रांची (झारखंड)
वक्ता - सुधीर पाल : मीडियाकर्मी एवं सामाजिक विश्लेषक, रांची (झारखंड)
- जान मोहम्मद हकीम : प्रख्यात गोजरी साहित्यकार, डोडा (जम्मू-कश्मीर)
- डॉ. दमयंती सिंकु : ‘हो’ साहित्यकार, सिंहभूम (झारखंड)
- डॉ. संतोष बेसरा : प्रख्यात स्कॉलर, (कोलकाता)
- रतन तिर्की : पूर्व सदस्य, टीएसी, झारखंड
संचालन - तरुणकांति खलखो : सहा. प्राध्यापक, हिंदी, संत जेवियर कॉलेज, सिमडेगा (झारखंड)
धन्यवाद ज्ञापन - राकेश रंजन उरांव : सहायक निदेशक, डॉ. रामदयाल मुंडा आदिवासी कल्याण शोध संस्थान, रांची (झारखंड)
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एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार ‘भारतीय विधायिका और संसदीय लोकतंत्र में आदिवासी हस्तक्षेप के सौ साल’ के अवसर पर
बिरसा, फूलो-झानो, माकी और जयपाल सिंह मुंडा के देश में.
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